उत्तराखंडराजनीति

ब्रेकिंग: उत्तराखंड के दो शहरों के लिए अच्छी ख़बर! इस पर लगी मोहर

देहरादून : उत्तराखंड के दो शहरों देहरादून व नैनीताल में सीवर व पेयजल लाइनों के लिए 938 करोड़ के लोन पर मुहर लग गई है।  राज्य सरकार और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के बीच एमओयू साइन किया गया।पानी की आपूर्ति और स्वच्छता में सुधार के तहत एडीबी ने उत्तराखंड को 938 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है।

https://fb.watch/9NkfZx9sV_/

उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) ने पहले चरण के तहत इसका एमओयू साइन किया है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा ने केंद्र सरकार के लिए उत्तराखंड एकीकृत और रेजिलिएंट (संयंत्र) शहरी विकास परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर किए। एडीबी के भारत निवासी मिशन के देश निदेशक ताकेओ कोनिशी ने एडीबी के लिए हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उत्तराखंड से सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली, कार्यक्रम निदेशक अभिषेक रूहेला, अपर कार्यक्रम निदेशक तकनीकी विनय मिश्रा उपस्थित रहे।
महिलाओं के लिए शौचालय युक्त पिंक बसों का होगा संचालन

जेंडर संवेदनशीलता के तहत महिलाओं को स्वच्छ व सुरक्षित शौचालय वाली मोबाइल पिंक बसों का संचालन किया जाएगा। इन बसों के संचालन के लिए स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसी प्रकार, पर्यावरण के प्रति स्वच्छता जागरुकता के लिए पुरुषों के लिए भी मोबाइल ब्लू बसों का संचालन किया जाएगा। ये बसें जरूरी आवश्यकताओं से पूर्णतया लैस होंगी। मोबाइल बसों के संचालन से नगर में खुले में शौच की प्रथा को समाप्त करने में सहायता मिलेगी।
वर्चुअल माध्यम से ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रजत मिश्रा ने कहा कि यह परियोजना तेजी से विस्तार करने वाली राजधानी देहरादून और पर्यटन नगरी नैनीताल में शहरी सेवाओं के उन्नयन की आवश्यकता को पूर्ण करने के लक्ष्य से शुरू हो रही है।

इन शहरों में रोजाना हजारों पर्यटक आते हैं। उन्हें बेहतर पानी और सफाई निश्चित तौर पर पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। एडीबी के कोनिशी ने कहा कि परियोजना दो शहरों में पानी की आपूर्ति और स्वच्छता सेवा में सुधार के लिए पिछले एडीबी सहायता का पूरक है। जिसमें उच्च गुणवत्ता वाली सेवा वितरण सुनिश्चित करने और इसे लागत प्रभावी बनाने के लिए एक शहरव्यापी स्वच्छता दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस परियोजना से देहरादून में दोषपूर्ण जल नेटवर्क को बदलने के लिए 136 किलोमीटर पेयजल प्रणाली का निर्माण होगा।

इसके अलावा देहरादून में सीवरेज शोधन संयंत्र स्थापित होंगे, जो कि 256 किलोमीटर के भूमिगत सीवर नेटवर्क से जुड़ेगा। साथ ही 117 किलोमीटर के वर्षा जल निकास नेटवर्क का कार्य भी किया जाएगा। परियोजना के तहत देहरादून के कुल 17,410 घरों को इस सीवरेज सिस्टम से जोड़ा जाएगा। नैनीताल में उन्नत तकनीक और ट्रंक सीवर परिवर्तित किया जाएगा। नवीन सीवेज शोधन संयंत्र को स्थापित किया जाएगा। परियोजना लगभग 154,000 लोगों की आबादी के लिए सेवाएं उपलब्ध कराएगी। एडीबी अपने तकनीकी सहायता विशेष कोष से 250,000 का तकनीकी सहायता अनुदान और जलवायु परिवर्तन कोष से एक और 750,000 रुपये का अनुदान देगा।

देहरादून में ये होंगे काम
पांच पैकेजों में बंजारावाला, मोथरोवाला व केदारपुरम वार्ड में डिस्ट्रिक्ट मीटर्ड एरिया तकनीक से 5500 निशुल्क पानी के कनेक्शन व वाटर मीटर, 137 किलोमीटर पेयजल नेटवर्क, आठ नलकूप व ऊर्ध्वाधर जलाशय स्थापित किए जाएंगे। वर्ष 2051 की राजधानी जनसंख्या वृद्धि दर को देखते हुए पेयजल आपूर्ति प्रणाली से कुल लगभग 77073 आबादी को लाभ मिलेगा। इन्हीं तीनों वार्ड में 6314 फ्री सीवरेज कनेक्शन, 117 किमी सीवरेज नेटवर्क व 11 एमएलडी का सीवरेज शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। सीवरेज परियोजना से इस क्षेत्र की 2051 की लक्षित 1,01,000 आबादी को लाभ मिलेगा। 69 किमी के वर्षाजल निकास प्रणाली से सड़कों में बहने वाले वर्षाजल को प्राकृतिक नदी की ओर प्रवाहित किया जाएगा।

इसके अलावा नत्थनपुर, मोहकमपुर, मियांवाला, बालावाला, हर्रावाला व नकरौंदा की वर्ष 2051 की लक्षित 1,07,000 आबादी को सीवरेज परियोजना से जोड़ने के लिए 109 किमी सीवरेज नेटवर्क बिछाते हुए कुल 9471 फ्री घरेलू सीवरेज कनेक्शन दिए जाएंगे। नकरौंदा में 18 एमएलडी का सीवरेज शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। साथ ही इस क्षेत्र में कुल 19 किमी के वर्षा जल निकास प्रणाली के कार्य भी किए जाएंगे। देहरादून के टीएचडीसी और यमुना कालोनी क्षेत्र के लिए 2051 की अनुमानित 36,000 जनसंख्या को लक्ष्य मानते हुए 26 किमी का सीवरेज नेटवर्क बिछाया जाएगा। 37 किमी के वर्षा जल निकास प्रणाली के कार्य किए जाएंगे।

नैनीताल में ये होंगे काम
नैनीताल नगर की सीवरेज समस्या को दुरुस्त करने के लिए पांच किमी का ट्रंक सीवरेज बिछाया जाएगा। 600 निशुल्क सीवरेज कनेक्शन व 17.5 एमएलडी के सीवरेज शोधन संयंत्र को स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पर्यावरण संरक्षण व जलवायु नियंत्रण के बहुलक्षित उद्देश्य से नगर में पांच छोटे पैकेज सीवरेज शोधन संयंत्रों को भी स्थापित किया जाएगा। परियोजना निर्माण कार्य अवधि कुल 3 से 4 वर्ष रहेगी।
एडीबी की इस परियोजना से नैनीताल और देहरादून शहर की सूरत बदलेगी। बरसाती पानी से निजात मिलेगी।
– बंशीधर भगत, शहरी आवास एवं विकास मंत्री

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button