
हल्द्वानी : उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में टिकट दावेदारों की लगातार बढ़ती संख्या को देख अब संगठन ने भी शर्त रख दी है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर तय हुई प्रक्रिया के मुताबिक अब दावेदारों को बताना होगा कि पिछले पांच साल में संगठन की मजबूती के लिए उन्होंने कितना काम किया। कितने लोगों को बतौर सदस्य पार्टी से जोड़ा। जिलाध्यक्ष के पास लिखित फार्म जमा करने के बाद संगठन ब्लाक पदाधिकारियों से इनके योगदान को क्रास चेक भी कराएगा। उसके बाद सही रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को भेजी जाएगी।
नैनीताल जिले में लालकुआं, कालाढूंगी, भीमताल, रामनगर, नैनीताल और हल्द्वानी सीट आती है। कुछ दिन पहले केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने दावेदारों से आवेदन मांगे थे। तब छह सीटों के लिए 52 नाम सामने आ गए। लालकुआं और भीमताल सीट पर तो 26 लोगों ने खुद को दावेदार बताया। चुनावी साल में हसरतों की संख्या बढऩे से संगठन भी सतर्क हो गया। क्योंकि, किसी एक का नाम फाइनल होने पर बगावत के सुर भी पैदा हो सकते थे। इसलिए संगठन ने इन दावेदारों को परखने को नया नियम लागू कर दिया।
जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने बताया कि हर आवेदक को पार्टी के खाते में बैंक चालान लगाने के साथ एक फार्म भरना होगा, जिसमें पिछले पांच साल में कांग्रेस के लिए किए कामों का ब्यौरा देना होगा। ऐसे में उन आवेदकों को दिक्कत आएगी जो संगठन के बजाय पार्टी में व्यक्ति विशेष को ज्यादा तवज्जो देते थे।
प्रदेश नेतृत्व का यह निर्णय जमीनी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि चुनावी साल में क्या दल-बदलुओं पर भी यह नियम लागू होगा? क्योंकि, कांगे्रस में पिछले दिनों कई नए नाम जुड़े थे। आगे और प्रयास किए जा रहे हैं और अधिकांश टिकट की शर्त पर आ रहे हैं।