
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां दोषों की तैयारियों में जुट गई है, तो वहीं राजनीतिक दलों में उठापटक का दौर जारी है. 2022 विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने का ही वक्त बचा है. ऐसे में राजनीतिक दल हर वह हथकंडे अपना रही है, जिससे चुनावी दंगल में फतह हासिल कर सके. इन दिनों उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में हिंदुत्व को लेकर सियासत गर्म है.
दरअसल, एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना जनेऊ दिखाते हुए कहा था कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम का नाम लिया है, उसके बाद से ही विपक्षी दलों में खुद को हिंदू दिखाने की होड़ शुरू हो गई है, जिसको लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने धामी पर निशाना साधा है.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले धर्म और जनेऊ जैसे मुद्दे सामने आने लगे हैं. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनेऊ दिखाया था और कहा वह बचपन से ही जनेऊ पहनते हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा वो उन दलों को जनेऊ दिखा रहे थे, जो सिर्फ चुनाव में जनेऊ पहनने का नाटक करते हैं. जबकि वह हिंदू धर्म के सभी नियमों का बचपन से ही पालन करते हैं. साथ ही कहा कि जब से प्रधानमंत्री ने धर्म की बात की है, लोग जनेऊ पहनने को मजबूर हो गए हैं.
वहीं, सीएम के जनेऊ वाले बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा आस्था को सार्वजनिक नहीं किया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री को अपना जनेऊ दिखाने की जरूरत क्यों पड़ गयी? जबकि जनेऊ को मंत्र के साथ पहना और उतारा जाता है. साथ ही उन्होंने कहा जनेऊ के अपने संस्कार हैं, उसे जगह-जगह दिखाया नहीं जाता. आप अपनी आस्था का प्रदर्शन इस तरह से नहीं करते हैं. उसके नियम है और उसी के तहत का इसका पालन किया जाता है.



