
रिपोर्ट मुकेश कुमार: विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावों को लेकर भाजपा में मचे घमासान के बीच राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े वर्तमान में भाजपा किसान मौर्चे के जिलाध्यक्ष कमल मुनि ने पूर्व में दावेदारी कर चुके तमाम दावेदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हिंदूवादी नेता के रूप में जाने जाने वाले कमल जोशी (मुनिजी) ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
आज एक विशेष बातचीत में कमल मुनि ने बताया कि वह लगातार समाजिक कार्यो में भागीदारी करते आ रहे हैं 1984 से रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े कमल जोशी ने 6 दिसम्बर 1992 में रामजन्मभूमि आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई कमल जोशी के साथ कार सेवा में शामिल साथियों द्वारा तभी से इनका मुनिजी उप नाम रखा गया।
मुनिजी द्वारा 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में संकल्प लिया जब तक राम मंदिर का निर्माण नही होता भगवा वस्त्र ही धारण करेंगे। आज तक निरन्तर भगवा वस्त्र ही धारण करते हैं। कमल मुनिजी सेवा के छेत्र में भी हमेशा आगे रहे हैं।कमल मुनिजी ने ऐसे कई लोगों को जो रास्ते मे दुर्घटना ग्रस्त हुए उनको अस्पताल ले जा कर उनका इलाज करवाया है। और वह आज अपने परिवार के साथ हैं।
कमल मुनिजी की छवि एक कट्टर हिन्दूवादी नेता के रूप में है।कमल मुनिजी द्वारा कोरोना काल मे बाहर से आने वाली रेलगाड़ी में यात्रियों को हमेशा जलपान की व्यवस्था करना हो या कोरोना काल मे पुलिसकर्मियों से लेकर सुशीला तिवारी में ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों व सफाई कर्मचारियों को व विक्षिप्त लोगों को निरन्तर चाय पिलाने का काम हो।
कमल मुनिजी द्वारा लालकुआं में अवैध रूप से बन रही मजार को हटवाने का मामला हो चाहे लव जिहाद के नाम से हिंदू बहन बेटियों को भगाने वाले मुसलमानों से संघर्ष हो या गैस की किल्लत के समय जनता के साथ खड़े होने का विषय हो।हर बात में संघर्ष में जनता के साथ खड़े रहने का काम किया जाता रहा है।
इस बार कमल मुनि ने लालकुआं विधानसभा से अपने वरिष्ठजनों के सामने अपनी दावेदारी पेश की है।छेत्र में कोई भी आंदोलन हो उसमें कमल मुनिजी की अहम भूमिका रहती है।कमल मुनिजी की दावेदारी से पूर्व से दावेदारी कर रहे तमाम भाजपाई नेताओं की नींद उड़ गई है।