प्रकृति ने दिखाया रौद्र रुप! सहारा बनी एसडीआरएफ

डोईवाला- (आशीष यादव)- मौसम विभाग द्वारा 16 अक्टूबर को चेतावनी जारी की गई थी कि अग्रिम तीन दिवस तक राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ ही कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली, ओलावृष्टि, भूस्खलन, तेज हवाये इत्यादि घटनाओं की संभावना जतायी गयी थी। जिसके दृष्टिगत राज्य में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है अन्यथा किसी भी प्रकार के जान-माल की हानि हो सकती हैं।
मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी होते ही राज्य के usdma ,शासन व प्रशासन सक्रिय हो गये थे। विभिन्न माध्यमों (सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) इत्यादि द्वारा राज्य निवासियों को अवगत कराया गया की अग्रिम 03 दिन राज्य में मौसम के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, जो जहाँ है वही रहे, किसी प्रकार की यात्रा न करें, साथ ही चारधाम यात्रा को भी 02 दिन के लिए पूर्णतयाः रोक दिया गया। इसके बावजूद प्रकृति के भयानक स्वरूप का दंश उत्तराखण्ड विगत दिनों से झेल रही है। मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी करने उपरांत राज्य में लगातार आसमानी आफत का कहर राज्य के सभी जनपदों में देखने को मिला। लेकिन कुछ जिलों में इसका कहर अत्यधिक रहा ।
इस बीच एसडीआरएफ अपने व्यवस्थित जनपदों व वाहिनी मुख्यालय की टीमें अलर्ट की दशा में थी सेनानायक एसडीआरएफ,श्री नवनीत सिंह द्वारा लगातार usdma, मौसम विभाग व उच्चाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर राज्य की सभी जनपद की मानिटरिंग करते रहे ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने की दशा में जनपद में व्यवस्थित एसडीआरएफ टीम को त्वरित प्रतिवादन के लिये रवाना किया जा सके ।
राज्य के जनपद रूद्रप्रयाग के सोनप्रयाग पोस्ट की टीम ने मध्य रात्रि मे विषम परिस्थितियों में जंगलचट्टी से 22 श्रद्धालुओं का रेस्क्यू कर गौरीकुण्ड लाया गया। इसी क्रम में जनपद उधम सिंह नगर के विभिन्न स्थानों में जलभराव की स्थिति में एसडीआरएफ की टीमों द्वारा लगातार 03 दिन मूसलाधार बारिश में दिन-रात रेस्क्यू कर हजारो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर, वहां पर आपदा राहत शिविर में निशुल्क भोजन व मेंडिकल सुविधा की व्यवस्था की गयी।
जनपद उत्तरकाशी में एसडीआरएफ टीम द्वारा मध्य रात्रि में त्वरित कार्यवाही करते हुए 25 ट्रैकरो को रेस्क्यू कर सकुशल सुरक्षित स्थान लाया गया। वही हर्षिल के लम्खागा पास में 11 सदस्यीय ट्रेकिंग टीम के लापता होने पर एसडीआरएफ की माउण्टेनिरिग टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही कर हैली के माध्यम से 02 जीवित व 05 शवों को बरामद किया गया।
खराब मौसम के कारण जब हैली एक जीवित ट्रैकर को रेस्क्यू करने के उपरान्त पुनः ऊपर न आ पाया तो हजारों मीटर ऊचाई पर एसडीआरएफ जवानों द्वारा एक जीवित ट्रैकर व 5 शवों के साथ पूरी रात बर्फ में बिताई गई। यह एक ऐसा सहासिक रेस्क्यू था जिसमें जवानों द्वारा अपनी कार्य कुशलता एंव अदम्य साहस का परिचय दिया गया। जनपद बागेश्वर में पिंडर ग्लेशियर, कफनी, सुंदर डूंगा में लापता ट्रैकर्स की खोज में एसडीआरएफ टीमों द्वारा पैदल व हैली के माध्यम से सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया 05 ट्रेकर्स के शवों का रेस्क्यू कर कपकोट पहुंचाया गया व पैदल टीमों द्वारा कफनी ग्लेशियर से स्थानीय 19 चरवाहो और 600 बकरियों को सकुशल उनके गांव छूनी छोड़ा गया।
जनपद-नैनीताल में एसडीआरएफ टीम द्वारा गर्म पानी से 810 लोगो को सुरक्षित स्थान पर पंहुचाया गया तथा उपरोक्त सभी लोगों की रहने की व्यवस्था प्राथमिक विद्यालय व होटलों में की गयी। व इसके अतिरिक्त नैनीताल के सकुना गांव में एक मकान पर 09 लोगों दबे होने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम द्वारा रेस्क्यू कर 07 लोगों के शव बरामद कर जिला पुलिस के सुपुर्द कर दिये गये ।
जनपद-देहरादून पोस्ट ढ़ालवाला से एसडीआरएफ टीम गौहर माफी रायपुर सौग नदी में 30 युवको के फंसे होने की सूचना पर टीम ढालवाला द्वारा 30 युवको को सुरक्षित स्थान पर लाया गया, जनपद-पिथौरागढ़ के गूंजी के जोलिंगकांग गांव से एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम द्वारा 01 शव का रेस्क्यू कर जोलिंगकांग से गुंजी तक लाया गया व एसडीआरएफ टीम द्वारा जोलिंगकांग के समस्त ग्रामवासियों को सकुशल कुट्टी गांव पहुंचाया गया।
प्रकृति के इस रौद्र रुप में एसडीआरएफ ने अदम्य साहस का परिचय देते हुये न केवल हजारों जिन्दगियों को सुरक्षित बचाया बल्कि आपदा के प्रभाव को कम करने के लिये आपदा पीड़ितो के लिये आपदा राहत शिविर के माध्यम से विभिन्न सुविधा उपलब्ध कराई गई। संकट के इस दौर में एसडीआरएफ जवानों द्वारा भूख, प्यास, बर्फ, बरसात की चिन्ता छोड निरन्तर रेस्क्यू किये गये। यह राज्य का वह बल है, जो मातृ भूमि के लिये सरवस्व न्यौछावर करने के लिये सदैव तत्पर रहती है।