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राजनीति: दीवाली से पहले BJP को लग सकता है झटका: सूत्र

उत्तराखंड कांग्रेस में जाने की हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ की कशमशाहट लगता है। जल्द ही खत्म होने जा रही है, जी हां हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच की अदावत भले ही खुली जंग की तरह हो लेकिन लगता है दोनों तरफ अब सफेद झंडे लहराए जाने के संकेत हो गए हैं। जी हां हाल के दिनों में हरक सिंह रावत और हरीश रावत के जो बयान चल रहे हैं, उससे नरमी के संकेत दोनों तरफ से दिखाई दे रहे हैं।

साफ है पिछले दिनों उमेश शर्मा काऊ यशपाल आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल होने वाले थे लेकिन ऐन मौके पर प्लान में चेंज हो गया इस बीच हरीश रावत बागियों के खिलाफ मुखर होते दिखाई दिए कोशिश यही थी कि 2016 में जिन्होंने कांग्रेस की सरकार गिराई उन्हें पार्टी में शामिल नहीं होने देना है हरीश रावत के बयानों से भी ऐसा लगा कि आने वाले दिनों में भी जंग जारी रहेगी।

लेकिन लगता है जंग की जगह सुलह की तैयारी होने लगी है हरीश रावत ने बागियों से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा तो हरक सिंह रावत ने मीडिया में आकर सार्वजनिक रूप से हरीश रावत को बड़ा भाई कहते हुए उनके चरणों में नतमस्तक होते हुए माफी भी मांग ली।

वहीं जिस हरीश रावत और हरक सिंह रावत ने पिछले 5 सालों से बात नहीं की आपदा की बात कहते हुए दोनों ने बात भी कर ली हरीश रावत के बयान को देखें तो हरीश रावत हरक सिंह रावत को कह रहे हैं कि आपदा में तो सांप और नेवले भी साथ हो जाते हैं तो हम तो फिर भी भाई भाई हैं यानी आने वाले दिनों में यह भाई भाई की जोड़ी एक हो सकती है।

वैसे भी हरक सिंह रावत क्या चुके हैं कि वह अपने साढ़े 4 साल के मंत्री के कार्यकाल से निराश हैं। निराशा इसलिए भी है क्योंकि वह पूरे साढ़े 4 साल जो वह करना चाहते थे नहीं कर पाए पूर्व की सरकारों में हरक सिंह रावत की दबंगई ऐसी चलती थी कि वह जो फाइल लेकर जाते थे उस फाइल पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री से करवा ही लाते थे लेकिन पूरे साडे 4 सालों में भाजपा सरकार में हरक सिंह रावत के विभागों में ऐसी नकेल कसी गई कि हरक सिंह रावत चाह कर भी कहीं काम नहीं कर पाए ऐसे में लगता है अब विदाई का समय आ गया है।

वैसे भी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव काफी हद तक हरक सिंह रावत उमेश शर्मा काऊ को कांग्रेस में लाने को राजी हैं लेकिन हरीश रावत की नाराजगी मोड़ देना नहीं चाहते इसलिए हरीश रावत को मनाया जा रहा है हरीश रावत काफी हद तक मान भी चुके हैं। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि हो सकता है हरक सिंह रावत 31 अक्टूबर को अपना जन्मदिन भाजपा में बनाकर दीपावली से पहले भाजपा को झटका दे दे और साथ में अपने साथ आए कुछ साथियों को भी साथ ले जाएं उसमें यशपाल के साथ कांग्रेस में शामिल होने से चूक गए उमेश शर्मा काऊ एक हो सकते हैं।

माना जा रहा है कि BJP भी इस बात को लगभग समझ चुकी है कि अब हरक का भाजपा से मुंह बंद हो गया है. इसलिए बहुत ज्यादा मनाने वाली स्थिति नजर नहीं आती। ऐसे में कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि जल्द ही वह भाजपा को दीपावली से पहले कहीं झटकों के पटाखे छोड़ सकते हैं अब देखना दिलचस्प होगा क्या बीजेपी अपना कुनबा बचा पाएगी या फिर जल्द ही तोड़फोड़ शुरू होगी। सूत्र

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