उत्तराखंड

सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण बढ़ रहा है आतंकवाद: धस्माना

देहरादून। पिछले एक सप्ताह से जम्मू के पूंछ जिले में पाकिस्तान सीमा में भारतीय सेना व आतंकवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को आज प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने कैंट रोड चीड़ बाघ स्थित शौर्य स्थल पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। धस्माना ने पुष्पचक्र चढ़ा कर शहीद हुए सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की व मौन रखा।

इस अवसर पर धस्माना ने शहीद सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि मुश्किल हालातों में हमारे बहादुर सैनिक आतंकवादियों से लोगे ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को इस बात का गर्व है कि हमारे राज्य के बहादुर युवा जो सेना में देश की सेवा व रक्षा के लिए भर्ती होते हैं वे हमेशा मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने में सबसे आगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी से पूर्व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी में हों या देश की आज़ादी के बाद भारतीय सेना में सेवा करते हुए सीमाओं की रक्षा करते हुए दुश्मन देशों से कोई भी युद्ध हो या देश में आंतरिक रक्षा में उत्तराखंड के युवाओं ने हमेशा अपना सर्वोत्तम योगदान दिया है।

एक बार फिर जम्मू के पूंछ में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है जिस पर पूरे उत्तराखंड को अपने शहीदों की शहादत पर गर्व है। धस्माना ने कहा कि आज जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं उसके लिए पूरी तरह से देश की सरकार की दोषपूर्ण नीतियां जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त करते हुए और धारा370 समाप्त करते हुए कहा गया कि इससे आतंकवाद समाप्त हो जाएगा,यही राग तब अलापा गया था जब नोटबन्दी की गई 2016 में लेकिन आज जो स्थितियों जम्मू कश्मीर में पैदा हो रखी हैं वो 1990-91 की याद दिला रहीं है जब देश में भाजपा के समर्थन से जनता दल की सरकार थी और भाजपा गोत्र के जगमोहन राज्यपाल थे जम्मू कश्मीर के।

धस्माना ने कहा आज एक बार फिर दिल्ली में भाजपा सरकार है, जम्मू और कश्मीर में भाजपा के उप राज्यपाल हैं और वहां गैर कश्मीरी लोगों के कत्ल हो रहे हैं , कश्मीरी पंडित भी निशाने पर हैं और आतंकवादी गतिविधियों नियंत्रण से बाहर हैं।

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