मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 38 युवा डॉक्टरों के एक समूह ने 24 सप्ताह के बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सहायक कमांडेंट / चिकित्सा अधिकारियों के एक बैच के लिए राजपत्रित अधिकारी कम्बैटाइजेशन कोर्स के तहत प्रशिक्षण पूरा किया।
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आईटीबीपी अकादमी के परेड ग्राउंड में एक औपचारिक पासिंग आउट परेड और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें इन नव अधिकारियों ने राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली। श्री संजय अरोरा, डीजी आईटीबीपी ने युवा डॉक्टरों को रैंक लगाए।
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भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 38 युवा डॉक्टरों के एक समूह ने 24 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद 38 युवा डॉक्टर सहायक कमांडेंट (चिकित्सा अधिकारी) के रूप में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्यधारा में शामिल हुए। इस अवसर पर अकादमी के परेड ग्राउंड में भव्य पासिंग आउट परेड आयोजित हई। जिसमें इन प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज और बल ध्वज के नीचे शपथ ग्रहण की और खुद को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
इस प्रशिक्षण के प्रारंभ एवं मध्य में इन चिकित्सा अधिकारियों (जिसमें 14 महिला चिकित्सक भी शामिल हैं) ने सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर, (एसपीसीसीसी) राधा स्वामी ब्यास छतरपुर, नई दिल्ली में COVID-19 की ड्यूटी पर तैनात रहकर सेवाएँ दी हैं । कोविड -19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान, आईटीबीपी द्वारा संचालित एसपीसीसीसी ने 13,000 से अधिक कोविड -19 रोगियों का इलाज किया है।
ये डॉक्टर कोविड -19 कर्तव्यों का निर्वहन करने और इस विशाल कोविड केंद्र का अनुभव प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षण पूरी करने के लिए अकादमी लौट आए। इस अनुकरणीय सेवा के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों को उनकी प्रशिक्षण अवधि के दौरान ही महानिदेशक के प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया था।
इन अधिकारियों को टैक्टिक्स, वेपन हैंडलिंग, फिजिकल ट्रेनिंग, इंटेलिजेंस, फील्ड इंजीनियरिंग, मैप रीडिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, लॉ और ह्यूमन राइट्स जैसे विभिन्न विषयों में प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे चिकित्सा अधिकारियों के रूप में अपने कर्तव्यों के साथ आईटीबीपी के कार्यों के अनुरूप प्रशिक्षित हुए और इससे उनको आईटीबीपी में कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए तैयार किया जा सका है।
आईटीबीपी के महानिदेशक श्री संजय अरोरा ने परेड की सलामी ली और परेड की समीक्षा की। अपने संबोधन में, महानिदेशक ने पास आउट हो रहे अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं I श्री अरोरा ने पूर्व में आईटीबीपी अकादमी मसूरी में 1997कमांडेंट (प्रशिक्षण) के रूप में आईटीबीपी में सेवाएँ दी हैं। उन्होंने युवा अधिकारियों को गौरवशाली इतिहास और बल के अनुशासन के उच्च मानकों के बारे में याद दिलाया।
उन्होंने कहा कि आईटीबीपी को 18,800 फीट तक की ऊंचाईयों पर सीमा चौकियों पर अत्यंत कठोर इलाकों में तैनात किया जाता है, जहां तापमान माइनस 45 डिग्री तक गिर जाता है। हिमालय में उच्च ऊंचाई वाली सीमाओं की रक्षा के अलावा, बल आंतरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन आदि में तैनात है और हमेशा मातृभूमि की सेवा करके दिया है। एसी/एमओ डॉ विशाल चौधरी को बैच के बेस्ट इन इंडोर, बेस्ट इन आउटडोर और ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
श्री नीलाभ किशोर, महानिरीक्षक/निदेशक अकादमी ने मुख्य अतिथि एवं आईटीबीपी एवं अन्य बलों के सेवानिवृत्त एवं सेवारत अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों, विशिष्ट जन प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
अपने संबोधन में, आईजी ने प्रशिक्षुओं, अकादमी और पाठ्यक्रम के सफल समापन के लिए आईटीबीपी के प्रशिक्षकों और बल मुख्यालयों के योगदान के बारे में बताया। ब्रिगेडियर (डॉ) राम निवास वी एस एम डीआईजी (प्रशिक्षण) ने पासिंग आउट अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए परेड में उपस्थित होने के लिए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।