
चंडीगढ़: गुरू की गुगली के बाद पंजाब कांग्रेस में हलचल है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पटियाला में उनके घर पर देर रात तक हलचल रही। सिद्धू के घर पर एक बैठक हुई, जिसमें कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा समेत कई विधायक मौजूद थे। बैठक के बाद विधायकों ने यही कहा कि जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा। लेकिन सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है, यानी मामला सुलझने के बजाय उलझता दिखाई दे रहा है।
इस बीच पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने आज सुबह 10.30 बजे कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। चन्नी कैबिनेट की मीटिंग पहले 1 अक्टूबर को होनी थी लेकिन पंजाब में जारी इस्तीफे और राजनितिक गतिविधियों को देखते हुए चन्नी ने आज ही बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कांग्रेस सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं करेगी और इस मामले में पार्टी वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाएगी।
दरअसल सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। कैबिनेट मंत्री और सिद्धू की करीबी रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दे दिया है.। दो और मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं। पंजाब कांग्रेस के दो महासचिव गौतम सेठ और योगिंदर ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया है। साथ ही गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। सिद्धू के घर बैठक में शामिल होने वालों में रजिया सुल्ताना भी शामिल थीं, उन्होंने सिद्धू को उसूलों वाला आदमी बताया और कहा कि वो पंजाब के लिए लड़ रहे हैं।
सियासत की पिच पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ फिल्डिंग कर रहे सिद्धू के इस्तीफे के पीछे कई वजहों को अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू ने तीन नियुक्तियों पर नाराजगी के चलते इस्तीफा दिया है।
राणा गुरजीत को मंत्री बनाना
IPS सहोता को DGP बनाना
APS देओल को एडवोकेट जनरल बनाना
यानि सिद्धू को लग रहा था कि ना ही मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी चली और ना ही अफसरों की नियुक्ति उनके मनमुताबिक हुई। जब उनके सजेशन को पार्टी द्वारा नहीं माना गया, तब उनको लगा होगा कि वो एक स्पीचलेस अध्यक्ष हैं।