उत्तराखंड

छात्रवृत्ति घोटाले में निलंबित समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बहाल

  1. समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति घोटाले में निलंबित हुए संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को बहाल कर दिया है। बहाली के आदेश में कहा गया है कि समाज कल्याण विभाग के कार्यालय आदेश संख्या-680 / XVII-A-3-2020-01(1512018-TC दिनांक 19 नवम्बर, 2019 द्वारा गीताराम नौटियाल संयुक्त निदेशक, समाज कल्याण विभाग के विरुद्ध थाना सिडकुल हरिद्वार में पंजीकृत मु0अ0सं0-496 / 18 धारा-420, 409, 120 बी. भा.द.वि. द धारा-13(1)(डी) / 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधि में एस.आई.टी. जनपद-हरिद्वार द्वारा दिनांक 31. 10.2019 को गिरफ्तार किए जाने के फलस्वरूप उत्तरांचल सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के प्रस्तर- 4 (3) (क) के अधीन 48 घंटे से अधिक अवधि के लिए अभिरक्षा में निरूद्ध रहने के कारण  नौटियाल को दिनांक 31.10.2019 से निलम्बित किया गया था।
  2. रिट याचिका संख्या-2442/2019 में उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के आदेश दिनांक 10.12.2019 द्वारा  मीटियाल को जमानत दी जा चुकी है, अतः उत्तरांचल सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 यथा संशोधित 2010 के नियम-4(2) एवं नियम-4 (3) (ख) के प्रावधानों के अधीन एवं श्री मीटियाल के अनुरोध पत्र दिनांक 13.05.2021 के आलोक में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त  नौटियाल को तत्काल प्रभाव से सशर्त सेवा में सवेतन बहाल करने का निर्णय लिया गया है।
  3. नौटियाल को उनके विरुद्ध धान सिडकुल हरिद्वार में पंजीकृत मु०अ० [सं०-496 /1B 420, 409, 120बी भा.द.वि. धारा-13 (1) (डी)/13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधि से सम्बन्धित विचाराधीन बाद में सक्षम न्यायालय द्वारा पारित किये जाने वाले अन्तिम निर्णय के अधीन सेवा में संवेतन बहाल किया जाता है।
  4. तदनुसार नौटियाल संयुक्त निदेशक समाज कल्याण निदेशालय, उत्तराखण्ड, हल्द्वानी-मनीताल में अपने मूल पद पर तत्काल अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत करें।

 

नौटियाल निदेशालय में कार्यभार ग्रहण करने के उपरात अग्रिम आदेशों तक देहरादून मुख्यालय में सम्बद्ध रहकर शासन एवं निदेशालय के मध्य समन्दय का कार्य देखेंगे एवं समय-समय पर शासन स्तर पर आयोजित होने वाली बैठकों एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का सम्पादन करेंगे तदनुसार निर्देशित किया जाता है कि यह अपनी योगदान आख्या तत्काल निदेशक, समाज कल्याण, उत्तराखण्ड, हल्द्वानी को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।

बता दें कि उत्तराखंड में साल 2010 से लेकर 2016 तक समाज कल्याण विभाग से एससीएसटी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति (दशमोत्तर) में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया था। खुले हाथों से छात्रवृत्ति अपात्र लोगों को बांटी गई थी। इस फर्जीवाड़े में उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों के भी कई शिक्षण संस्थान शामिल थे।

सात सौ करोड़ रुपये से के ज़्यादा के इस घोटाले की जांच दो एसआईटी कर रही थी। जिसमे समाज कल्याण विभाग के छह बडे अफसरों समेत छह दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक गीताराम नौटियाल भी हैं। इस घोटाले में उत्तराखंड के अलावा अन्य प्रदेशों के भी कई शिक्षण संस्थानों पर केस दर्ज हुआ था।

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