Chandigarh

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का संसद में जोरदार हमला

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का संसद में जोरदार हमला

भाजपा द्वारा लोकतंत्र पर चार बड़े हमले, चुनाव सुधार वक्त की मांग

चंडीगढ़, 15 दिसंबर 2025

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज संसद में भारतीय लोकतंत्र की रक्षा और चुनावी सुधारों पर एक भावुक एवं तथ्यपूर्ण अभिभाषण दिया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन बुनियादी सिद्धांतों—स्वाधीनता, स्वराज और अपना संविधान को याद करते हुए कहा कि यही भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला है।

सुरजेवाला ने जोर देकर कहा कि भारतीय लोकतंत्र का मूल ‘हर व्यक्ति को वोट का अधिकार’ और निष्पक्ष चुनाव है। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि कांग्रेस ने 1928 की मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट और 1931 के कराची अधिवेशन में सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के वोट का अधिकार देने का संकल्प लिया था। वहीं, उन्होंने आरएसएस के तत्कालीन विचारों का जिक्र करते हुए गोलवलकर के उद्धरण और ऑर्गनाइजर के 1949 एवं 1952 के लेखों का हवाला दिया, जिनमें सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार पर सवाल उठाए गए थे।

सुरजेवाला ने भारतीय लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभों—सार्वभौमिक वोट अधिकार, स्वतंत्र चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं की मजबूती को जिंदा रखने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सत्ताधारी दल इन पर हमले कर रहे हैं:

सुरजेवाला ने डॉ. बीआर अंबेडकर की चिंताओं और सुप्रीम कोर्ट के अनूप बर्नवाल फैसले का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में सीजेआई को बाहर कर सरकार ने 2:1 बहुमत वाली समिति बनाई, जिससे निष्पक्षता खतरे में है। बिहार और अन्य राज्यों में तेजी से वोटर लिस्ट रिवीजन को ‘वोट दबाने का तंत्र’ करार दिया। उन्होंने बीएलओ अधिकारियों की आत्महत्याओं का जिक्र कर प्रक्रिया की अव्यवहारिकता पर सवाल उठाए।

सुरजेवाला ने बिहार, महाराष्ट्र और 2019 लोकसभा चुनावों में चुनाव से ठीक पहले सरकारी योजनाओं से पैसे बांटने को वोट खरीदारी बताया। इलेक्टोरल बॉन्ड्स और ईडी/सीबीआई के दुरुपयोग से भाजपा को भारी फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। अजय माकन के हवाले से कहा कि भाजपा के पास अन्य दलों से कहीं अधिक फंड है, जो लेवल प्लेइंग फील्ड को खत्म कर रहा है।

रणदीप सुरजेवाला ने लोकतंत्र बचाने के लिए आठ प्रमुख सुझाव दिए:

– चुनाव आयुक्त नियुक्ति समिति में सीजेआई को शामिल करना।
– ईवीएम पर संदेह के कारण बैलट पेपर पर वापसी या 100% वीवीपैट गिनती।
– वोटर लिस्ट की मशीन रीडेबल कॉपी सभी दलों को उपलब्ध कराना और नाम हटाने से पहले नोटिस अनिवार्य करना।
– चुनाव से 6 महीने पहले नई कैश ट्रांसफर स्कीम पर रोक।
– वोट शेयर के आधार पर दलों को फंडिंग और इलेक्टोरल ट्रांसपेरेंसी कमीशन का गठन।

भाषण के अंत में सुरजेवाला ने काव्यात्मक अंदाज में कहा, “मानते हैं अंधेरा बहुत घना है, पर अंधेरे को चीरकर दिया जलाना कब मना है और जरा अदब से उठाना इन दियों को, बीती रात इन्होंने सबको रोशनी दी थी… हमने खुद को जलाकर रोशनी की थी और करते रहेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button