शाह और सैनी की सोच से मजबूत हुआ बडौली का पक्ष !फैसला लिखकर छोड़ चुकी है भाजपा! ऐलान बाकी!

शाह और सैनी की सोच से मजबूत हुआ बडौली का पक्ष ! फैसला लिखकर छोड़ चुकी है भाजपा!
ऐलान बाकी!
धर्मपाल वर्मा
दक्ष दर्पण समाचार सेवा चण्डीगढ़। dakshdarpan2024@gmail.com
भारतीय जनता पार्टी के बारे में कई बातें बड़ी स्पष्ट हैं। पार्टी में सिस्टम बना रहता है और नेता 24 घंटे चुनाव के मोड में रहते हैं। देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी एक कैलकुलेटिव राजनीतिक दल है। पार्टी ने बिहार के मंत्री नितिन को पार्टी का कार्य कारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर एक संदेश पहले ही दे दिया है। उसका हरियाणा को लेकर भी एक संदेश है ।
संदेश यह है कि प्रदेश में अब सिस्टम बदलने वाला है । कई चीजे ऊपर नीचे होने वाली है लेकिन सूत्र दावा कर रहे हैं कि प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नहीं बदलने वाला है। इसकी घोषणा कुछ खास कारणो से देर से हो सकती है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी ने यह फैसला लिख कर रख दिया है कि हरियाणा में मोहनलाल बडोली ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम करते रहेंगे।
देखा जाए तो इसके दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। एक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और दूसरे हैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह। बड़ी बात यह है कि अब भविष्य में हरियाणा में रणनीतिक मामलों में ऐसे फैसले सामने आ सकते हैं जिन्हें गृहमंत्री अमित शाह करते नजर आएंगे। अमित शाह पंचकूला आ रहे हैं उस दिन भी वह मंच से कोई खास संदेश दे सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के एक संदेश को हरियाणा और पंजाब दोनों को समझ लेना चाहिए और वह यह है कि भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ को स्वतंत्र यूटी बनाने के पक्ष में हैं और उसके नेता चाहते है कि हरियाणा और पंजाब का चंडीगढ़ में कोई हस्तक्षेप न हो। हरियाणा अपनी अलग राजधानी बना ले और पंजाब अपनी।
हरियाणा के चंडीगढ़ में नए विधानसभा भवन बनाने के प्रस्ताव को ना मंजूर करने के फैसले को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
हरियाणा की बात करें तो कल ही सरकार ने यह फैसला ले लिया है कि पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर अब किसी रूप में डीजीपी नहीं रहे हैं। उन्हें इस पद से रिलीव कर दिया गया है। पार्टी में जो नेता कपूर का बचाव कर रहे थे उन्हें अब पीछे हटना पड़ा है। अब आप यह भी समझ सकते हैं कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का पक्ष लगातार मजबूत होता जा रहा है ।
भारतीय जनता पार्टी उन्हें एक चेहरे के रूप में पंजाब के चुनाव में आगे करके चलने वाली है। भारतीय जनता पार्टी जिस तरह धीरे-धीरे पंजाब में मजबूत होती जा रही है उसकी एक बानगी अब पंचायती राज के चुनाव में आने वाले परिणाम में देखने को मिल सकती है।
भारतीय जनता पार्टी ने नए कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाते समय भी 2029 के लोकसभा के चुनाव को ध्यान में रखा है। बिहार के किसी नेता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि बिहार में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा लोकसभा की सीटें हैं। नितिन को आगे करके भाजपा ने संगठन में आ रहे कुछ गतिरोधों को भी समाप्त कर लिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने एक संदेश और दे दिया है और वह यह है कि भविष्य में बिहार में भाजपा नीतीश कुमार की जगह अपना मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर ले । बिहार में वह हो रहा है जो अमित चाह रहे हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रणनीति और योजना के तहत पार्टी के संगठन और भाजपा शासित राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था पर नजर रखने का काम अमित शाह को दे दिया है। हरियाणा भी उनमें से एक है। हाई कमान के इस विचार को राजनीतिक लोग अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
हरियाणा में मोहनलाल बडौली को अध्यक्ष के रूप में काम करते रहने का फैसला भी इसी व्यवस्था के दृष्टिगत किया जाना है। एक बात और नजर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी मोहनलाल बडौली को एक बार फिर सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। हरियाणा में नए जिले बनाने के प्रस्ताव पर भी जल्दी ही फैसला हो सकता है।


