देहरादून: यशपाल आर्य के भाजपा में शामिल होने के बाद कुछ भाजपा विधायकों की छटपटाहट बाहर आने लगी है। यही कारण है कि अब हर रोज यहां की राजनीति में नये खुलासे हो रहे हैं। इन खुलासों के कारण यहां का राजनैतिक तापमान यकायक बढ़ गया है। उत्तराखंड में सियासी उठापठक के बीच रायपुर क्षेत्र से भाजपा के विधायक उमेश शर्मा काऊ के बयान से पार्टी में फिर हलचल मची है।
मीडिया से बातचीत में अपने दिल्ली दौरे पर स्थिति साफ करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान जानता है कि वह कहां और क्यों गए थे। उन्होंने कहा कि उनके पुराने साथी पार्टी छोड़कर जा रहे थे, उनका प्रयास था कि वह इनकी राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करा दें।
विधायक काऊ ने यह भी कहा कि जुलाई में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद जब पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने तो तीन वरिष्ठ साथी हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज और यशपाल आर्य नाराज थे और मंत्री पद की शपथ नहीं लेना चाहते थे। तब उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर मध्यस्थ की भूमिका निभाई और राष्ट्रीय नेतृत्व से तीनों की बात कराई। परिणामस्वरूप मसला सुलझा और तीनों विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, बल्कि उनके मंत्रालयों में इजाफा भी हुआ।
दरअसल, दल बदलने की अटकलों के बीच रायपुर से विधायक उमेश शर्मा काऊ ने आज एक बड़ा खुलासा किया है। काऊ ने कहा कि, जब पुष्कर सिंह धामी शपथ ले रहे थे, उस वक्त अमित शाह ने 13 से 14 फोन करके उन नेताओं को मनाया जो शपथ नहीं लेना चाहते थे। उमेश शर्मा काऊ ने अपनी बातों में तीन नामों का खुलासा भी किया। उन्होंने बताया कि, इन नामों में एक तो हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में गए यशपाल आर्य है, इसके साथ ही सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत हैं।
काऊ ने बताया कि, जब मुख्यमंत्री पद की शपथ पुष्कर सिंह धामी लेने जा रहे थे, उस दौरान इन तीनों नेताओं को मंत्री पद की शपथ लेनी थी, तो नाराजगी के चलते सभी मना कर रहे थे। अमित शाह ने करीब 13 से 14 फोन करके इनकी नाराजगी दूर की और उनके कद को भी बढ़ाया। नाराजगी खत्म करने के लिए तीनों नेताओं का कद बढ़ाया गया और कद बढ़ाने पर ही तीनों नेता माने भी।
गौरतलब है कि, रायपुर के विधायक उमेश शर्मा काऊ के दल बदलने की चर्चाएं आजकल उत्तराखंड में जोरों पर हैं। यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के दौरान वह भी दिल्ली में मौजूद थे, सबकी निगाहें उमेश शर्मा काऊ पर टिकी हुई हैं। चर्चाएं ये भी हैं कि, लंबे समय से काऊ भाजपा संगठन से नाराज भी चल रहे हैं। लेकिन इसी बीच उनका ये बड़ा बयान कई इशारे कर रहा है।