
उत्तरकाशी से अनिल रावत की रिपोर्ट : उत्तरकाशी के यमुनाघाटी में घटिया किस्म का चावल आने की खबर के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।।
उत्तरकाशी जिले के यमुनाघाटी में सड़े गले व पालिशयुक्त चावलो की सफ्लाई की खबर मीडिया में प्रमुखतः से प्रकाशित की गयी। साथ ही प्रशासन की सक्रियता के चलते जिले से लेकर देहरादून के अधिकारियो का लावलश्कर पहुंचा। बड़कोट सरुखेत और यहाँ पहुंचे चार ट्रको से नमूने लेकर टैस्टिंग के लिए भेजे।
उत्तरकाशी से लेकर देहरादून तक के उच्चा अधिकारी बड़कोट गोदाम तक पहुँचकर जांच में जुट गये है । जनपद के यमुनाघाटी में लम्बे समय से सरकारी सस्ता गल्ला की दूकानों में आम व गरीब उपभोक्ताओं को खराब राशन यानी घटिया किस्म का चावल दिया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के बाद चार ट्रक बड़कोट और पांच ट्रक पुरोला व मोरी के घटिया किस्म का चावल आया है । इस मामले में मंगलवार को बड़कोट उपजिलाधिकारी द्वारा संज्ञान लेते हुए प्रभारी तहसीलदार धनीराम डंगवाल से जांच करायी गयी। इस खबर को स्टेट न्यूज़ उत्तराखंड में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया।
दरअसल मामला हाईलाईट होने के बाद वुधवार को उपजिलाधिकारी शालनी नेगी की मौजूदगी में जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी उत्तरकाशी अष्वनी सिंह , उत्तराखण्ड खाद्य आपूर्ति उपायुक्त विपिन कुमार , जिला पूर्ति अधिकारी सन्तोष कुमार भट्ट, विकासनगर से पहुंची सीनियर मार्केटिंग आफिसर श्रीमती रंजना सिंह , पूर्ति निरीक्षक पीडी सौन्दीयाल द्वारा चारो ट्रकों की सैम्पलिंग की गयी ।
निचले तबके के लिए सरकार द्वारा भेजा जा रहा राशन में बीच के अधिकारी बड़ा खेल खेल रहे है ।उपजिलाधिकारी शालनी नेगी ने बड़कोट में खराब चावल आने की सूचना मिली थी जिसकी सैम्पलिग करवा ली गयी है और उक्त चावल को रीजनल फूड कन्ट्रोल उत्तराखण्ड को भेजा गया है।
जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच टीम बनाई गई है जिला सरंक्षा अधिकारी अशवनी सिंह ने बताया कि उपजिलाधिकारी के निर्देष पर घटिया किस्म के आये चावल की सैम्पलिंग कर लैव को भेजी जा रही है।
इधर खाद्य आपूर्ति विभाग उत्तराखण्ड के उपायुक्त विपिन कुमार ने बताया कि यमुनाघाटी में आया खराब किस्म के चावल के हर पहलु की जांच की जा रही है , विभाग द्वारा भी अलग से सैम्पलिंग की गयी है । उन्होने कहा कि आम पब्लिक को बेहतर किस्म का चावल खरीदकर सस्ता गल्ला विक्रेता के माध्यम से वितरण की व्यवस्था है । जिस भी स्तर पर ये खामिंया हुई होगी उसकी उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।