
रिपोर्ट भगवान सिंह श्रीनगर गढ़वाल : रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद भारतवंशियों की चिंताएं भी अब लगातार बढ़ती जा रही हैं। भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। उत्तराखंड से भी अभी तक 92 से अधिक लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनमें अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई वाले छात्र है। इसमें देहरादून से लगभग 20 से 25 लोग हैं। छात्रों के परिजन लगातार राज्य और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
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वहीं, यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों को सकुशल वापस लाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शासन स्तर पर एक बड़ी बैठक की। ढाई घंटे चली इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा अब तक 92 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली है। अन्य लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है। अभी छात्रों की संख्या बढ़ सकती है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा छात्रों से संपर्क करके आसपास के देशों से भी संपर्क किया जा रहा है। यूक्रेन में फंसे छात्रों को यूक्रेन के पड़ोस में मौजूद देशों से संपर्क करके वहां से रेस्क्यू किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी परिजनों को संदेश दिया है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। हर हाल में उत्तराखंड के हर एक छात्र को सकुशल वापस लाया जाएगा।
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रूस और यूक्रेन में हो रही तनातनी में फंसे भारतीय युवाओ को लेकर उनके परिजन बेहद चिंता में है। श्रीनगर से भी दो एमबीबीएस छात्र यूक्रेन के चेरनोविल शहर में फंसे हुए हैं, जहा एमबीबीएस के छात्र खुद वहां डर के साये में जीने को मंज़बूर हैं, तो श्रीनगर में इन छात्रों के परिजनों ने अपने बच्चो की चिंता में खाना पीना तक छोड़ दिया है। सबकी आस अब भारत सरकार पर टिकी हुई है। श्रीनगर के बिलकेदार की रहने वाली आकांक्षा कुमारी के पिता ने पिछले दो दिनों से खाना तक नहीं खाया है। जब एक न्यूज़ एजेंसी ने आकांक्षा के पिता ईश्वर प्रसाद से बात की तो ईश्वर प्रसाद कैमरे के सामने ही रो पड़े।
उन्होंने बताया कि उनकी बच्ची दो दिन से बंकर में फंसी हुई है। बेटी ने फ़ोन पर बात करते हुए बताया कि उसके पास केश खत्म हो चुका है। atm भी यहां काम नही कर रहे हैं। मेडिकल सुविधा भी यहां बन्द हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इंडियन एंबेसी उनके सम्पर्क में है। पासपोर्ट के आधार पर उनसे डिटेलिंग ली जा रही है। उन्हें बताया गया कि इंडियन एंबेसी उन्हें नज़दीकी देश रोमानिया ले जाने की पहल कर रही हैं। ईशवर प्रसाद ने बताया कि उतराखण्ड सरकार और पुलिस विभाग भी बेटी के बारे में जानकारी जुटा रही है। उन्होंने कहा कि बेटी की बहुत चिंता हो रही है।
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वही आकांक्षा के भाई ने भी कहा बहन की बहुत टेंशन हो रही है। बहन से हर समय बात करने का मन कर रहा है। बार बार बहन का ख्याल रहता है। वही श्रीनगर के ही रहने वाले रोहित वर्मा भी चेरनोविल में फंसे हुए हैं। वे भी यहां एमबीबीएस Therd year में वहां पढ़ते हैं। श्रीनगर में भी छात्रों को लेकर उनके परिजन परेशान हैं। परिजन हर समय बेटे रोहित के सम्पर्क में है। उन्हें भी अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता सता रही है।
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