उत्तराखंडराजनीतिविधानसभा चुनाव 2022

नरेंद्रनगर में प्रत्याशी चेहरे पर होगा चुनाव दिलचस्प! नेता Vs बेटा

नरेंद्र नगर में सुबोध उनियाल की लहर! चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मिला भारी जन-समर्थन

टिहरी रियासत के केंद्र रहे नरेंद्र नगर में चुनावी संग्राम बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी माने जाने वाले सुबोध उनियाल भाजपा तो ओम गोपाल रावत कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में फिर से आमने सामने होंगे। हालांकि आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी भी चुनाव में ताल ठोक रहे हैं।

लेकिन पूर्व की तरह इस बार भी सुबोध उनियाल और ओम गोपाल रावत के बीच सीधे चुनावी मुकाबले के आसार बन रहे हैं। नरेंद्र नगर विधानसभा में भाजपा एक बार फिर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के चेहरे पर चुनाव लड़ रही। सुबोध उनियाल वर्ष 2002, 2012 और 2017 में तीन बार नरेंद्र नगर से विधायक चुने गए।

हालांकि वर्ष 2007 तब उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी ओम गोपाल रावत ने सभी को चौंकाते हुए चुनाव में चार वोटों के अंतर से सुबोध उनियाल को हराया था। वर्ष 2017 में वह भाजपा से विधानसभा सीट के टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक थे। लेकिन पार्टी ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सुबोध उनियाल पर भरोसा जताते हुए उनको विधानसभा सीट का टिकट दिया।

इससे नाराज ओम गोपाल रावत निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुबोध के खिलाफ चुनाव में खड़े हो गए। इस चुनाव में सुबोध उनियाल ने 4972 मतों के अंतर से ओम गोपाल को शिकस्त दी थी। अब भाजपा से एक बार फिर बगावत कर ओम गोपाल रावत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

सुबोध उनियाल कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। क्षेत्र में विकास कार्यों के मामले में भी वह काफी आगे रहे हैं। वहीं ओम गोपाल रावत का भी अपना जनाधार है। हालांकि भाजपा समर्थकों का एक धड़ा उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन उन्होंने अचानक कांग्रेस का दामन थाम लिया।

आम आदमी पार्टी से पुष्पा रावत और यूकेडी से सरदार सिंह पुंडीर भी भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के बड़े चेहरों की छाया दूसरे दलों के प्रत्याशियों पर हावी नजर आ रही है।
मतदाता – 92,072
पुरूष – 47,682
महिला – 43,424
सर्विस वोट – 963

संक्षिप्त इतिहास
वर्ष 2001 में परिसीमन देवप्रयाग विधानसभा से अलग होकर नरेंद्रनगर सीट बनी थी। कांग्रेस से सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर के पहले विधायक बने थे। 2007 में यूकेडी से ओमगोपाल रावत ने सुबोध उनियाल को मामूली अंतर से शिकस्त दी थी। इसके बाद से सुबोध उनियाल 2012 में फिर से विधायक बने। 2017 में भाजपा के टिकट पर सुबोध उनियाल तीसरी बार चुनाव जीता।
स्थानीय मुद्दे

दोगी पट्टी में सूरजकुंड रानीताल पंपिंग पेयजल योजना के बावजूद गांवों में पेयजल समस्या।

खराब मोबाइल कनेक्टिविटी।

मुनिकीरेती क्षेत्र में सरकारी अस्पताल की मांग।

ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं की कमी।

उप तहसील पावकी देवकी के भवन निर्माण की मांग।

पावकी देवी डिग्री कॉलेज के भवन निर्माण की मांग।

पिछले पांच सालों में नरेंद्र विधानसभा विकास कार्यों में मामले अग्रणी रही है। सड़क, पेजयल और स्वास्थ सुविधाओं को दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाने के अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। अगर चौथी बार जनता का आर्शीवाद मिलता तो नरेंद्रनगर को इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए प्रयास करूंगा। पर्यटन क्षेत्र में रोजागर का सबसे बड़ा विकल्प बनेगा।
सुबोध उनियाल, भाजपा प्रत्याशी

क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का आभाव है। पिछले पांच सालों में गंगा किनारे शराब के ठेके खुलवाकर क्षेत्र में नशे को बढ़ावा दिया गया। अगर मुझे मौका मिला तो क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए जनता के बीच रहकर कार्य करुंगा।
ओमगोपाल रावत, कांग्रेस प्रत्याशी

आप बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और हर घर रोजगार के संकल्प के साथ मैदान में उतरी है। आप के दिल्ली मॉडल से क्षेत्र की जनता काफी प्रभावित है। जनता ने अगर मौका दिया तो उनके हर दु:ख और सुख में साथ खड़े होकर क्षेत्र का विकास करूंगी।
पुष्पा रावत, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी  

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