कई समाजिक संगठनों ने की पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद
वेबजह चौकी इंचार्ज द्वारा किये जा रहे दलित युवको के उत्पीड़न को लेकर क्षेत्र के कई समाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद

लालकुआं से मुकेश कुमार की रिपोर्ट : लालकुआ क्षेत्र अंतर्गत बिन्दूखत्ता चौकी क्षेत्र में वेबजह चौकी इंचार्ज द्वारा किये जा रहे दलित युवको के उत्पीड़न को लेकर क्षेत्र के कई समाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्होंने लालकुआं पहुंचे उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष पी.सी गौरखा को ज्ञापन सौंपते हुऐ कार्रवाई की मांग की है।
इधर मिले ज्ञापन के बाद अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष पी.सी गौरखा ने इस मामले को गम्भीरता पूर्वक लेते हूऐ 15 दिन के भीतर मामले कि जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कारवाई का अश्वासन दिया है। इधर लोगों द्वारा दिये गये ज्ञापन में कहा गया कि गांधीनगर हल्दूधार बिन्दुखत्ता निवासी समाजसेवी सूरज जगारियां को एक माह पूर्व उसकी चाची ने दूरभाष पर बताया कि उसके चाचा को बिंदुखत्ता चौकी पुलिस घर से उठाकर ले गई है।
उक्त सूचना के बाद सुरज जगारिया बिंदुखत्ता चौकी में पहुंचा और वह मौजूदा चौकी प्रभारी मनोज चौधरी से चाचा को गिरफ्तार करने के संबंध में जानकारी प्राप्त की तो चौकी प्रभारी मनोज चौधरी ने बेवजह उसके साथ अभद्रता करनी शुरू कर दी यहां तक कि जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जबर्दस्ती उसे हवालात में बंद कर दिया तथा दूसरे दिन सुरज पर झूठा मुकदमा पंजीकृत कर उसे भी जेल भेज दिया।उन्होंने कहा कि सुरज जगारिया दलित समाज से है और समाज कि सेवा के लिए क्षेत्र में अग्रणीय रहता है और लोगों के दुख दर्द को साझा करता रहता है लेकिन बिन्दुखत्ता चौकी प्रभारी द्वारा उसे बेवजह जेल भेजने से वह और उसका परिवार स्वयं को अत्यधिक अपमानित महसूस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उक्त चौकी प्रभारी पुलिस विभाग में ऊंची पकड़ रखता है तथा पूर्व में अनुसूचित वर्ग के कई लोगों को झूठे मुकदमे में जेल भेज चुका है। उन्होंने कहा कि उक्त चौकी प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पिडिंत और उसके परिवार को न्याय दिलाया जाए उन्होंने कहा कि चौकी इंचार्ज द्वारा अपने परमोशन के चक्कर में क्षेत्र के अनुसुचित जाति वर्ग का उत्पीड़न किया जा रहा है। झुठे मुकदमों में वह के युवाओं को जेल भेजा रहा है इसको लेकर समाज में बेहद रोष है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पुलिस उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो सभी समाजिक सगठन आंदोलन करने को बाध्य होगे जिसकी जिम्मेदारी शासन कि प्रशासन कि होगी ।इधर मिले ज्ञापन के बाद अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष पीसी गौरखा ने इस मामले को गम्भीरता पूर्वक लेते हूऐ 15 दिन के भीतर मामले कि जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कारवाई का अश्वासन दिया है।
इस दौरान ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से अम्बेडकर सिमित व प्रगतिशील संगठन के अध्यक्ष रमेश कुमार, कर्मकार संगठन के अध्यक्ष उमेद राम, अम्बेडकर सिमित के उपाध्यक्ष हेमन्त आर्या ,महामंत्री सुरेंद्र प्रसाद, युवा शिल्पकार संगठन के अध्यक्ष लक्ष्मण धमोला, कल्याण चनियाल, राजपाल, द्वियांग सिमित के अध्यक्ष शंकर लाल , नैनराम , मनोज टम्टा , दीवान कनेरा , हिमांशु आर्या सहित कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।