बेशक अवकाश पर हैं परंतु यूपीएससी की नजर में हरियाणा के डीजीपी है शत्रु जीत कपूर!

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धर्मपाल वर्मा
दक्ष दर्पण समाचार सेवा चण्डीगढ़।
हरियाणा में लोग मौजूद डीजीपी ओपी सिंह को विशेष तौर पर पसंद ही नहीं कर रहे हैं बल्कि वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें जितना संभव हो इतने दिन का एक्सटेंशन दे । हरियाणा सरकार ने इस तरह का लाभ कुछ अन्य अधिकारियों को भी दिया है। बलजीत सिंह संधु को भी सरकार ने 3 महीने का अतिरिक्त समय दिया था ।
लोगों का मानना है कि अब सरकार ओपी सिंह को सेवा विस्तार देने का फैसला करेगी तो उसे इसका राजनीतिक लाभ भी होगा और जनता में यह संदेश जाएगा कि सरकार अच्छे और व्यवहारिक अधिकारियों को मान सम्मान देने की कोशिश करती है।
दूसरी तरफ ऐसी स्थिति बन रही है कि सरकार को अब रिकॉर्ड में डीजीपी के रूप में तैनात परंतु छुट्टी भेजे गए अधिकारी शत्रु जीत कपूर की नियुक्ति किसी और पद पर करनी होगी नहीं तो किसी और अधिकारी को डीजीपी के रूप में यूपीएससी से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पाएगा।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि हरियाणा सरकार ने नए डीजीपी के चयन के लिए पांच आईपीएस अधिकारियों का जो पैनल यूपीएससी को भेजा था और इन में से तीन नाम तय करने के लिए अनुरोध किया था उस पैनल को यूपीएससी ने वापस भेज दिया है और साफ कर दिया है कि रिकॉर्ड में आज भी डीजीपी शत्रु जीत कपूर ही हैं ।
मतलब साफ है कि ओपी सिंह कार्य वाहक डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में जब प्रदेश में पहले ही कोई डीजीपी सेवा में है तो नए डीजीपी के चयन का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता। ऐसे में या तो सरकार को एक बार फिर शत्रु जीत कपूर को ही डीजीपी के रूप में ज्वाइन कराने का जोखिम मोल लेना पड़ेगा या फिर उनकी पोस्टिंग डीजीपी लेवल के किसी दूसरे पद पर करनी होगी।
यह काम उनके अवकाश पर रहने की स्थिति में भी किया जा सकता है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। एक बात जरूर लग रही है कि सरकार ओपी सिंह को एक्सटेंशन नहीं देना चाहती और नए डीजीपी की नियुक्ति करना चाहती है।



